नौसेना ने किया बराक-8 मिसाइल का सफल परीक्षण

भारतीय नौसेना ने 30 दिसंबर को जमीन से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की बराक-8 मिसाइल प्रणाली (एलआर-एसएएम) का अत्याधुनिक विध्वंसक आईएनएस कोलकाता से सफल परीक्षण किया। बराक-8 मिसाइल भारत और इस्राइल के संयुक्त उपक्रम के तहत विकसित की गई है। इस्राइली पोतों से इसके दो परीक्षण सफलतापूर्वक किए जा चुके हैं और यह पहली बार है जब परीक्षण भारतीय पोत से किया गया है। यह मिसाइल प्रणाली बहुद्देश्यीय निगरानी और खतरे की आहट पर भापने वाले रडार (एमएफ-स्टार) से लैस है तथा 100 किमी दूर से ही दुश्मन के वार को भांपकर पलक झपकते उसे स्वत: 70-90 किमी दूर हवा में ध्वस्त करने में सक्षम है।

बराक-8 का निर्माण
मिसाइल प्रणाली का विकास संयुक्त रुप से इस्त्राइल एरोस्पेस इंडस्ट्रीज (आईएआई), रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और इस्राइल के ऐडमिनिस्ट्रेशन फॉर डिवेलपमेंट ऑफ वेपंस ऐंड टेक्नोलॉजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर, एल्टा सिस्टम्स, फ्रांस की राफेल और भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने मिलकर तैयार किया जा रहा है।

भारतीय नौसेना को लाभ
दुश्मन का कोई भी वार नौसेना के युद्धपोत, विध्वंसक, विमान वाइक पोत आदि को आसानी से निशाना नहीं बना सकेगा। बराक-8 के तैनाती स्थल से 70-80 किमी का पूरा वायुमंडल सुरक्षित रहेगा। इस मिसाइल प्रणाली में 680 मीटर प्रति सेकेंट (2 मैक) की गति से लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल, मानव रहित विमान (ड्रोन), एंटी शिप मिसाइल, हेलीकॉप्टर से होने वाले हमले को निशाना बनाने की क्षमता है।

बराक-8 की कार्य प्रणाली
बराक-8 प्रणाली का एमएफ स्टार रडार सिस्टम 360 डिग्री पर दुश्मन के वार की पहचान करता है और जैसे ही हमले की आहट मिलती है, मिसाइल के जरिए उसे स्वत: ध्वस्त कर देता है। यदि दुश्मन एक बार में खत्म नहीं होता तो फिर दूसरी और फिर तीसरी मिसाइल छोड़ी जाती है।

भारत और इस्त्राइल
2005 में बराक मिसाइल परियोजना को मंजूरी मिली थी। 2006 में सहमति पत्र पर दस्तखत हुए तथा नवंबर 2009 में भारत और इस्त्राइल ने 1.1 अरब डॉलर की बराक-8 मिसाइल प्रणाली (नेक्स जनरेशन) की आपूर्ति पर हस्ताक्षर किए थे।