इसरो ने लांच किए सिंगापुर के छह सैटेलाइट

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 16 दिसबंर को शाम छह बजे सिंगापुर के छह सेटेलाइटों के साथ पोलर सेटेलाइट लांच व्हीकल (पीएसएलवी-सी29) रॉकेट का प्रक्षेपण किया। प्रक्षेपण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) से किया गया। यह श्रीहरिकोटा से इसरो का पचासवां अंतरिक्ष अभियान था। रॉकेट के साथ भेजे गए सेटेलाइटों में सर्वाधिक वजनी पृथ्वी की निगरानी करने वाला "टेलीयॉस" सेटेलाइट (400 किलोग्राम) है। इसी वजह से इसरो ने इस मिशन का नाम "टेलीयॉस" दिया। अन्य पांच सेटेलाइटों में वेलीयॉक्स-सी 1, वेलीयॉक्स-2, केंट रिज-1, गैलेसिया और एथेनोसैट-1 शामिल हैं। इन सबका कुल वजन 550 किलोग्राम बताया जा रहा है। ये सैटेलाइट आपदा निगरानी और शहरी नियोजन से संबंधित सूचनाएं सिंगापुर को उपलब्ध कराएंगे।

सिंगापुर के सेटेलाइट इसरो की वाणिज्यिक शाखा "एंट्रिक्स कारपोरेशन लिमिटेड" ने लांच किए हैं। यह पीएसएलवी के जरिये सेटेलाइट लांचिंग की सेवा प्रदान करता है। पीएसएलवी का यह 32वां मिशन था। एंट्रिक्स कारपोरेशन लिमिटेड पीएसएलवी के जरिये अब तक 20 देशों के 51 सेटेलाइटों को अंतरिक्ष में भेज चुका है।

इसरो ने अपने पहले सबसे बड़े वाणिज्यिक अभियान में इसी साल ब्रिटेन के पांच सेटेलाइटों को अंतरिक्ष में भेजा था।

"टेलीयॉस" सेटेलाइट : महत्वपूर्ण तथ्य
– यह सिंगापुर निर्मित अब तक का सबसे बड़ा वाणिज्यिक सेटेलाइट है।
– इसका उपयोग समुद्री निगरानी एवं सीमा सुरक्षा के लिए किया जाएगा।
– यह पांच वर्षों तक पृथ्वी की कक्षा में रहेगा।
– समुद्री तट की निगरानी के अलावा इसका उपयोग आपदा निगरानी, शहरी नियोजन और देश की सुरक्षा के लिए किया जाएगा।
– इस सेटेलाइट को पृथ्वी से 550 किमी ऊपर वृत्ताकार कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
– 20 देशों के सेटेलाइटों को अंतरिक्ष भेज चुका है इसरो

रीस्टार्ट होने वाले इंजन का परीक्षण
सिंगापुर के छह सेटेलाइटों को अंतरिक्ष भेजने के साथ ही इसरो ने पीएसएलवी के इस प्रक्षेपण के जरिये दोबारा चालू होने वाले इंजन का भी परीक्षण किया। इसरो के अध्यक्ष एएस किरण कुमार के अनुसार रीस्टार्ट-टेस्ट का परीक्षण पूरी तरह सफल रहा। इंजन को पांच सेकेंड के लिए प्रज्ज्वलित किया गया। इस तकनीक का इस्तेमाल अगले साल किया जाएगा।