सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें | 7th Pay Commission

न्यायमूर्ति अशोक कुमार मा​थुर की अध्यक्षता वाले सातवें केन्द्रीय वेतन आयोग ने 19 नवंबर, 2015 को ​केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को अपनी रिपोर्ट सौंपी। जिसमें आयोग की मुख्य सिफारिशें इस प्रकार हैं—

● केन्द्रीय कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में कुल मिलाकर 23.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी, वहीं रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की सिफारिश की गई है। ये सिफारिशें एक जनवरी, 2016 से लागू की जाएंगी।
● केन्द्रीय सेवाओं में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये और अधिकतम वेतन 2.25 लाख रुपये प्रति माह होगा। इस तरह कैबिनेट सचिव को ढाई लाख रुपये प्रति माह का वेतन मिलेगा, जो इस समय 90,000 रुपये है।
● वेतन में वार्षिक वृद्धि तीन प्रतिशत बरकरार। सैन्य बलों की तर्ज पर सरकारी कर्मचारियों के लिए भी वन रैंक-वन पेंशन की सिफारिश की गई।
● ग्रैच्युटी की सीमा 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की सिफारिश। जब ​कभी महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत तक बढ़ेगा, ग्रैच्युटी की सीमा में 25 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।
● इन सिफारिशों को लागू करने पर 1.02 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ आएगा जिसमें 73,650 करोड़ रुपये केन्द्रीय बजट और 28,450 करोड़ रुपये रेल बजट में डालना होगा।
● नए सिफारिशों के लागू होने से वेतन, भत्ते व पेंशन पर सरकार का खर्च जीडीपी के 0.65 प्रतिशत के बराबर बढ़ेगा, जबकि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में यह वृद्धि जीडीपी के 0.7 से एक प्रतिशत थी।
● सातवें वेतन आयोग ने 52 तरह के भत्तों को खत्म करने, अन्य 36 को मौजूूद भत्तों में समाहित करने की सिफारिश की।
● सैन्य सेवाओं के विभिन्न पहलुओं के मददेनजर क्षतिपूर्ति के रूप में दी जाने वाली मिलिट्री सर्विस पे (एमएसपी) केवल रक्षा बलों के कर्मचारियों के लिए।
● सैन्य अधिकारियों के लिए एमएसपी 6,000 रुपये से बढ़ाकर 15,500 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश, नर्सिंग सेवा के अधिकारियों के लिए एमएसपी 4,200 रुपये से बढ़ाकर 10,800 रुपये, जेसीओ़़ओआर के लिए 2,000 रुपये से बढ़ाकर 5,200 रुपये करना और युद्ध क्षेत्र के इतर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए एमएसपी 1,000 रुपये से बढ़ाकर 3,600 रुपये प्रति माह करने की सिफारिश।
● शार्ट सर्विस कमीशंड के अधिकारियों को 7 से 10 साल के बीच नौकरी छोड़ने की अनुमति होगी।
● सिफारिशों से 47 लाख कर्मचारियों एवं 52 पेंशनभोगियों को लाभ होगा, जिसमें रक्षाकर्मी भी शामिल हैं।