विद्या भंडारी बनीं नेपाल की पहली महिला राष्ट्रपति

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) की उपाध्यक्ष विद्या देवी भंडारी को 28 अक्टूबर को नेपाल का राष्ट्रपति चुना गया। वह देश की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी। उन्होंने नेपाली कांग्रेस के प्रत्याशी कुल बहादुर गुरुंग को 100 से अधिक मतों से हराया। 54 वर्षीय भंडारी सीपीएन-यूएमएल की उपाध्यक्ष और पार्टी के पूर्व स्वर्गीय महासचिव मदन भंडारी की पत्नी हैं। मदन की 1993 में संदिग्ध हालात में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। राष्ट्रपति पद के चुनाव में संसद में उन्हें 327 मत मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी नेपाली कांग्रेस के कुल बहादुर गुरुंग को 214 मत मिले। यादव 2008 में पहली संविधान सभा के चुनाव के बाद राष्ट्रपति चुने गए थे। 20 सितंबर को लागू हुए देश के नए संविधान में नए राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद अध्यक्ष और संसद उपाध्यक्ष को चुने जाने का प्रावधान किया गया है।

विद्या देवी भंडारी ने यूएमएल के सहयोगी दलों सीपीएन (माओवादी), आरपीपी (एन) और एमजेएफ (डी) का समर्थन मिला, जबकि गुरुंग को केवल नेपाली कांग्रेस के सांसदों के वोट मिले।

विद्या देवी भंडारी : एक परिचय
भंडारी ने 1979 में वामपंथी छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी। इसके बाद वह सीपीएन (एमएल) की सदस्य बनीं और भूमिगत हो गईं। उन्होंने मोरंग जिले से पंचायती व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ा। इसी दौरान उन्होंने पूर्व कम्युनिस्ट नेता मदन कुमार भंडारी के साथ शादी की। नेपाल में 1990 में पंचायत व्यवस्था खत्म होने और बहुदलीय लोकतंत्र की शुरुआत के बाद सीपीएन (एमएल) और सीपीएन (माओवादी) का विलय हो गया और नई पार्टी सीपीएन (यूएमएल) बनी, जिसके महासचिव भंडारी के पति बने। 44 वर्ष की उम्र में विद्या को ब्लड कैंसर का उपचार कराना पड़ा था। विद्या की बेटी उषा किरण भंडारी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जेेएनयू मे पढ़ रही है तो दूसरी निशा कुसुम भंडारी चिकित्सक है।

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