केपी ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बने

नेपाल में नया संविधान लागू होने के बाद नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एमाले) के अध्यक्ष केपी शर्मा ओली 11 अक्टूबर को देश के 38वें  प्रधानमंत्री चुने गए हैं। उन्होंने नेपाली कांग्रेस के नेता सुशील कोइराला को पराजित किया।

संसद में 11 अक्टूबर को हुए मतदान में सीपीएन-यूएमएल के प्रमुख ओली को 338 मत मिले, जबकि नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष कोइराला ने सिर्फ 249 मत हासिल किए। प्रधानमंत्री चुने जाने के लिए 299 मतों की जरूरत थी। कुल 587 सदस्यों ने मतदान किया। मतदान के दौरान सांसदों को तटस्थ रहने की इजाजत नहीं होती है।

ओली को यूसीपीएन-माओवादी, राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी-नेपाल, मधेसी जनाधिकार फोरम-डेमोक्रेटिक तथा कुछ और दलों का समर्थन हासिल था। दूसरी तरफ युनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट में शामिल चार दलों ने कोइराला का समर्थन किया। कोइराला 2014 में सीपीएन-यूएमएल की मदद से प्रधानमंत्री बने थे। ओली (63) को पिछले साल सीपीएन-यूएमएल का प्रमुख चुना गया था।

केपी शर्मा ओली : एक परिचय
ओली का जन्म 23 फरवरी, 1952 को तहरथुम जिला स्थित पहाड़ी गांव 'इवा' में हुआ था। ओली ने 10वीं कक्षा से भी कम पढ़ाई की है। ओली नेपाली के अलावा चीनी, अंग्रेजी और हिंदी भाषा बोलने में माहिर हैं। 16 महीने पहले एमाले पार्टी के अधिवेशन में ओली पार्टी के अध्यक्ष चुने गए। नेपाल के राजशाही और प्रजातांत्रिक आंदोलन के दरम्यान ओली कई बार जेल भी गए। देश के 38वें प्रधानमंत्री बनने से पहले वह पार्टी के अंतरराष्ट्रीय विभाग के प्रमुख थे। ओली साल 2006 की जनक्रांति के तत्काल बाद बनी गिरिजा प्रसाद कोइराला के नेतृत्व वाली सरकार में उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री बने थे। वह 1994 में तत्कालीन यूएमएल प्रमुख मनमोहन अधिकारी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में गृह मंत्री थे।

ओली को झापा जिले के कई संसदीय क्षेत्रों से साल 1991, 1994 और 1999 में संसद का सदस्य चुना गया। इसी जिले से 1966 में उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी। सात साल के लंबे विचार विमर्श से तैयार किए गए और 20 सितंबर को घोषित नए संविधान का मधेसी समूहों द्वारा विरोध को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच ओली निर्वाचित हुए हैं। मधेसियों के मामले में ओली का रवैया अब तक भारत विरोधी रहा है।

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