भारत और जर्मनी में 18 करारों पर हस्ताक्षर


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने 5 अक्टूबर, 2015 को दोनों देशों के बीच अक्षय ऊर्जा, कौशल विकास एवं संस्कृति के क्षेत्र में 18 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें भारत में जर्मन कंपनियों को तेजी से मंजूरी दिलाना और जर्मनी द्वारा देश में सौर ऊर्जा के लिए एक अरब यूरो का कोष बनाना शामिल है।

भारत और जर्मनी ने जिन 18 क्षेत्रों से जुड़े सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किए उनमें उच्च शिक्षा, नागरिक उड्डयन, रेलवे और खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्र शामिल हैं। इससे पहले मोदी-मैर्केल के बीच बातचीत में वैश्विक मंदी की बढ़ती चिंताओं के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ाने के उपायों पर खास ध्यान दिया गया। मोदी और मैर्केल के बीच शिखर स्तरीय अंतर सरकारी विचार विमर्श (आईजीएस) में रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रोें के साथ ही व्यापार और निवेश में द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा बनाने पर चर्चा हुई।

भारत और जर्मनी 2001 से सामरिक साझेदार हैं। मोदी की अप्रैल में जर्मनी यात्रा के छह महीने बाद जर्मन चासंलर दिल्ली आई हैं। यूरोपीय संघ में जर्मनी, भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है और भारत में सातवां सबसे बड़ा निवेशक भी।

दोनों देशों के बीच पिछले साल वस्तुओं और सेवाओं का 15.96 अरब यूरो का कारोबार हुआ। हालांकि, यह 2013 की बनिस्बत 1.14 अरब यूरो कम है। 2013 में दोनों देशों के बीच 16.10 अरब यूरो का कारोबार हुआ था। साल 2014 में मामूली बढ़ोतरी के साथ जर्मनी को भारत का निर्यात 7.03 अरब का था जबकि जर्मनी से आयात 9.19 से घटकर 8.92 अरब यूरो का हुआ। वर्तमान में 1600 से अधिक भारत-जर्मन सहयोग और लगभग 600 भारत जर्मन संयुक्त उद्यम चल रहे हैं।

साथ ही, मैर्केल ने प्रधानमंत्री मोदी को एक दुर्गा प्रतिमा लौटाई, जो जम्मू-कश्मीर के एक मंदिर की है। दसवीं सदी की इस प्रतिमा में मां दुर्गा के महिषासुर मर्दिनी का स्वरूप दिखाया गया है। पीएम मोदी ने प्रतिमा लौटाने पर जर्मन चांसलर को विशेष धन्यवाद दिया।

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