अब देश में सिर्फ एक आपात नंबर-112 ​होगा

अब मुसीबत में फंसे लोग देश के किसी भी हिस्से से 112 डायल कर मदद मांग सकेंगे। दूरसंचार विभाग ने एक मात्र आपात नंबर के लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जिसके तहत भारत में सिर्फ एक इमरजेंसी नंबर 112 होगा। हालांकि पहले वाले आपात नंबर अगले एक साल तक बने रहेंगे।

100, 101, 102 और 108 जैसे सभी मौजूदा आपात नंबरों को सेकेंडरी आपात नंबर के तौर पर बरकरार रखा जाएगा और इन्हें एकमात्र आपात नंबर 112 में अग्रसारित कर दिया जाएगा। याद रहे कि अमरीका में सभी आपात सेवाओं के लिए "911" आपात नंबर है।

विभाग ने कहा, 'इन नंबरों को (जनजागरूकता अभियान चलाने के बाद) चरणबद्ध तरीके से बंद कर दिया जाएगा.' यानी अगले एक साल के बाद पहले के इमरजेंसी नंबर को बंद कर दिया जाएगा।

हालांकि दूरसंचार विभाग ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) वाले मोबाइल फोन के ट्राई के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।

पूर्व में ट्राई ने कहा था कि 112 आपातकाल नबंर पर उन फोनो से भी कॉल करने की सुविधा होनी चाहिए जिन पर आउटगोइंग कॉल करने की अनुमति नहीं है। उपभोक्ताओं को एसएमएस के माध्यम से भी इस सेवा का उपयोग करने की अनुमति होनी चाहिए।

नियामक के अनुसार टेलीकॉम ऑपरेटरो को कॉल करने वाले के लोकेशन के साथ ही उसके बारे में विस्तृत जानकारी भी एकीकृत आपात संचार एवं कार्रवाई तंत्र को देनी होगी। इसके लिए उसने देश के चार महानगरों में भारत संचार निगम लिमिटेड को क्षेत्रीय डाटाबेस बनाने की सिफारिश भी की थी।

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