Medieval History of India Notes in Hindi | मध्‍यकालीन भारत


मध्‍यकालीन भारत के महत्वपूर्ण तथ्य (Medieval History of India Notes in Hindi) : मध्‍यकालीन भारत की शुरूआतभारत पर अरब एवं तुर्क आक्रमण के साथ हुई। हर्ष की मृत्यु के पश्चात् उत्तरी भारत की एकता खंडित हो गई। एक वृहत एवं शक्तिशाली राज्य के स्थान पर अनेक छोटे-छोटे एवं दुर्बल राज्यों का उदय हुआ। ये का राज्य आपसी प्रतिद्वंदिता में इतने उलझे हुए थे कि विदेशी आक्रमण का आकलन ही नहीं कर पाए और इसी राजनीतिक दुर्बलता का लाभ अरबों ने उठाया। अरबों को भारत में सफलता उस समय मिली जब मुहम्मद-बिन-कासिम ने सिंध पर आक्रमण किया। उस समय सिंध पर दाहिर शासन था। वह आन्तरिक संघर्ष में उलझा हुआ था। फलतः आक्रमण को रोकने में असफल रहा। आइये जानते है मध्‍यकालीन भारत के परीक्षा उपयोगी नोट्स–



1. खलीफा ने इस्लामिक इतिहास में सर्वप्रथम महमूद गजनवी को सुल्तान की उपाधि दी।
2. मोहम्मद गोरी ने 1176 ई. में सुल्तान पर आक्रमण किया।
3. 25 मार्च, 1206 ई. के धमयक में शिया विद्रोहियों और खोखरों ने मोहम्मद गोरी की हत्या कर दी।
4. 1202-03 ई. में कुतुबद्दीन ऐबक ने कालिंजर पर आक्रमण किया उस समय वहाँ का शासक पर्मार्दिदेव था।
5. कुतुबद्दीन ऐबक की नवम्बर 1210 ई. में लाहौर में घोड़े से गिर जाने से मृत्यु हो गई।
6. नवम्बर 1210 से जून 1211 ई. तक ऐबक के पुत्र आरामशाह ने शासन किया।
7. बलबन 1249 ई. में नायब-ए-मामलिकात के पद पर बैठा।
8. बलबन ने सिक्कों पर जिल्ले इलाही खुदवाया और मद्यपान बन्द करवाया।
9. इल्तुतमिश दिल्ली का पहला सुल्तान था जिसे 1229 ई. में बगदाद के खलीफा ने मान्यता दी।
10. सम्पूर्ण सल्तनत युग में सिद्धपाल पहला और अन्तिम हिन्दू था जिसे दिल्ली दरबार में उच्च पद मिला।
11. जलालउद्दीन खिजली 1290 ई. में 70 वर्ष की आयु में सुल्तान बना। उसकी राजधानी किलोखरी थी।
12. खिलजी वंश के इतिहास का महत्वपूर्ण स्रोत जियाउद्दीन बर्नी का तारीख-ए-फिरोजशाही है।
13. 1316 ई. में अलाउद्दीन खिलजी की जलोदर रोग से मृत्यु हो गई।
14. अलाउद्दीन प्रथम सल्तनत शासक था जिसने उलेमाओं की उपेक्षा की थी।
15. अलाउद्दीन खिलजी के समय में दिल्ली को अनेक व्यापारिक केन्द्रों से सड़क मार्ग द्वारा जोड़ा गया।
16. गियासुद्दीन तुगलक को 1315 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने दीपलपुर का सूबेदार नियुक्त किया। उसने 29 बार आक्रमणकारियों को परास्त किया। इसीलिए वह मलिक-उल-गाजी के नाम से विख्यात हुआ।
17. मोहम्म बिन तुगलक ने अपने सिक्कों पर 'अल सुल्तान जिल्ली अल्लाह', 'ईश्वर सुल्तान का समर्थक है' आदि अंकित करवाया।
18. अफ्रीकी यात्री इब्नबतूता मोहम्मद तुगलक के शासन का में भारत आया।
19. नसीरुद्दीन मोहम्मद शाह के काल में कबीरुद्दीन ओलिया के मकबरे का निर्माण हुआ जो लाल गुम्बद के नाम से विख्यात है।
20. सिंचाई कर उपज का दसवाँ भाग था। फिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों पर ​जजिया कर लगाया।
21. सिकन्दर लोदी ने 1504 ई. में आगरा बसाया।
22. हेनरी इलियट और एल्फिंस्टन ने फिरोज तुगलक को सल्तनत युग का अकबर कहा।
23. मलिक सरवर नामक एक हिजड़ा जिसे 'सुल्तान उस शर्क' की उपाधि मिली थी जौनपुर में स्वतन्त्र शासक बन बैठा और शर्की राजवंश की नींव डाली।
24. दिल्ली सल्तनत में सुल्तान की सहायता के लिए एक मन्त्रिपरिषद् होती थी जिसे मजलिस-ए-खलवत कहा जाता था।
25. दीवान-ए-अमीर कोही की स्थापना मोहम्मद बिन तुगलक ने की जिसने काफी विशिष्टता प्राप्त की।
26. फिरोजशाह तुगलक ने ‘हाब-ए-शर्ब’ नामक सिंचाई कर लगाया। इसकी दर उपज का 1/20वाँ भाग थी।
27. राजवाही और उलूग खाजी फिरोजशाह तुगलक द्वारा बनवायी गईं प्रमुख नहरें थीं।
28. नौसेनिक बेड़े को बहर कहा जाता था। इसका अध्यक्ष अमीर-ए-बहर होता था।
29. मोहम्मद तुगलक ने अनेक करों को माफ किया जिससे व्यापार में वृद्धि हुई।
30. कश्मीर का सबसे उल्लेखनीय शासक जैन-उल-अबीदीन हुआ है जिसे ‘कश्मीर का अकबर’ कहा जाता है।
31. शेख निजामुद्दीन ओलिया का जन्म 1236 ई. में बदायूँ में हुआ था।
32. नरसिंह सालुव के पश्चात् उसका नाबालिग पुत्र इम्मादि नरसिंह शासक बना और नरेश नायक उसका संरक्षक।
33. उसने 1512 ई. में रायचुर दोदआब पर अधिकार कर लिया और 1520 ई. में बीजापुर को रोंद डाला तथा गुलबर्गा का किला जीत लिया।
34. युद्ध में वीरत दिखाने वाले पुरुषों को सम्मान देने के लिए ‘गंडपेद्र’ नामक पैर में धारण करने वाला आभूषण दिया जाता था।
35. 1336 ई. में हरिहर प्रथम ने हम्पी राज्य की नींव रखी और उसी वर्ष विजयनगर को राजधानी बनाया।
36. देवराय प्रथम (1406-1422 ई.) के पश्चात् रामचन्द्र सिंहासन पर बैठा, परन्तु वह कुछ माह तक ही शासन कर सका. उसके पश्चात् उसके भाई ने 1430 ई. तक शासन किया।
37. विजयनगर प्रशासन में राजा (राय) के बाद युवराज का पद होता था। युवराज की नियुक्ति के बाद उसका राज्याभिषेक किया जाता था जिसे युवराज पट्टा भिषेकम कहा जाता था।
38. गुलबर्गा के बाद बीदर बहमनी साम्राज्य की राजधानी बनी।
39. सुल्तान शमसुद्दीन मुहम्मद तृतीय ने संगमेश्वर, गोआ और बेलगाँव को क्रमशः 1471, 1472 और 1473 ई. में जीता।
40. बाबर ने 1504 ई. में काबुल जीता और 1507 ई. में कान्धार जीतकर बादशाह की उपाधि धारण की। 1510 ई. में शैबानी खाँ मर्व के युद्ध में मारा गया।
41. युद्ध की तुलगमा पद्धति को बाबर ने उजबेगों से सीखा और बंदूकों का प्रयोग ईरानियों से।
42. दिसम्बर 1530 ई. में बाबर की मृत्यु हो गई और उसे आगरा में आरामबाग में दफना दिया गया. बाद में उसे काबुल ले जाकर दफनाया गया।
43. हुमायूँ की पत्नी हमीदा बानो बेगम हिन्दाल के आध्यात्मिक गुरु शिया मीर बाबा उर्फ मीर अली अकबर जामी की पुत्री थी।
44. कालिंजर में हुमायूँ ने हिन्दू मन्दिरों को तुड़वाया।
45. लेनपोल ने लिखा है हुमायूँ लुढ़क-पुढ़क कर जिया और लुढ़क कर मर गया।
46. शेरशाह के काल में भूमि बीघों में रस्सी द्वारा नापी जाती थी।
47. अमरकोट के राणा वीरसाल के यहाँ 15 अक्टूबर, 1542 ई. को अकबर का जन्म हुआ था।
48. मीर अब्दुल लतीफ को बैरम खाँ ने अकबर का शिक्षक नियुक्त किया।
49. अकबर ने 1562 ई. में प्रथम बार अजमेर में शेख मोइनुद्दीन चिश्ती की यात्रा की।
50. महाराणा प्रताप की 1597 ई. में मृत्यु हो गई।



51. 1572 ई. में अकबर ने गुजरात पर विजय प्राप्त की और खान-ए-आजम (अजीज कोका) को गुजरात का सूबेदार बनाया।
52. कुतलूखाँ लोहानी ने स्वयं को उड़ीसा का स्वतन्त्र शासक घोषित किया. बिहार के सूबेदार मानसिंह ने 1590 ई. में उड़ीसा पर आक्रमण किया और लोहानी के पुत्र निसार खाँ को परास्त कर उड़ीसा पर अधिकार कर लिया।
53. चाँद बीबी बीजापुर की रानी थी जिसने मुगल सेना का मुकाबला किया।
54. जब जहाँगीर बादशाह बना उस समय अमरसिंह मेवाड़ का शासक था। जहाँगीर ने उसे हराने के लिए क्रमशः शाहजादा परवेज, आसफखाँ, महाबत खाँ, अब्दुल्लाह खाँ और शाहजादा खुर्रम को भेजा।
55. 1633 ई. में बरहानपुर में मुमताज महल की मृत्यु हो गई।
56. 1636 ई. में बीजापुर में मुगलों का आधिपत्य स्वीकार कर लिया।
57. अकबर, जहाँगीर एवं औरंगजेब के काल के सभी मन्त्री शिया थे।
58. अकबर ने 1562 ई. में ऐतमाद खाँ की मदद से बजट प्रथा शुरू की।
59. अकबर ने विवाह के लिए न्यूनतम आयु निश्चित की लड़कियों के लिए 14 वर्ष, लड़कों के लिए 16 वर्ष।
60. 1585 ई. में अकबर ने एक स्थायी न्यायिक समिति की नियुक्ति की। इसके सदस्य थे–बीरबल, हकीम हम्माम शमशेर खाँ (कोतवाल) और कासिम खाँ।
61. अमीर खुसरो ने खजाइनुल-फुतूह तारीख-ए-अलाई की रचना की।
62. ध्रुपद राग को संगीत में स्थान दिलाने का श्रेय ग्वालियर के राजा मानसिंह को जाता है। मानसिंह ने ‘कौतूहल’ नामक संगीत ग्रन्थ लिखा।
63. बाबर ने तुर्की में अपनी आत्मकथा तुजुक-ए-बाबरी लिखी. इस पुस्तक का फारसी में दो बार अनुवाद हुआ. एक बार अब्दुर्रहीम खान-ए-खाना ने।
64. फारसी मुगलों की राजभाषा थी. इसे अकबर ने राजभाषा बनाया।
65. सुखसेन, लालसेन, सरसेन और जगन्नाथ शाहजहाँ के दरबार के प्रसिद्ध गायक थे।
66. मोहम्मद शाह पहला मुगल बादशाह था जिसने उर्दू को प्रोत्साहन दिया।
67. तैमूर का जन्म 1336 ई. में ट्रांस ओक्सियाना में कैच नामक स्थान पर हुआ।
68. अकबर के दरबार के 17 चित्रकारों में से 13 हिन्दू थे। वे थे-दसवन्त, बसावन, केशू, लाल, मुकुन्द, मधु, जगन, महेश, तारा खेमकरन, सांवला, हरिवंश तथा राय।
69. ‘शाहबुर्ज’ शाहजहाँ का गोपनीय कक्ष था जो आगरा के किले में स्थित था।
70. जामा मस्जिद का निर्माण कार्य शाहजहाँ की बेटी जहाँनारा ने पूर्ण कराया।
71. ताजमहल बाईस वर्षों में नौ करोड़ रुपए की लागत में से 1653 ई. में तैयार हुआ।
72. दिल्ली के लाल किले का निर्माण हमीद और अहमद नामक शिल्पकारों की देखरेख में एक करोड़ रुपए में 1648 ई. में पूरा हुआ।
73. शाहजहाँ के काल में एक गुम्बद में अनेक गुम्बदों का निर्माण हुआ। दिल्ली के लाल किले का दीवान-ए-खास इसका उदाहरण है।
74. शाहजहाँ ने इलाही संवत् के स्थान पर हिजरी संवत् प्रारम्भ किया।
75. हुमायूँ के प्रमुख चित्रकार थे-मीर सैयद अली, शिराजी, ख्वाजा अब्दुल समद, सैयद तबरीजी।
76. औरंगजेब ने बीजापुर और गोलकुण्डा में बने चित्रों को नष्ट करवा दिया और अकबर के मकबरे के चित्रों के ऊपर सफेदी पुतवा दी।
77. आगरा स्थित, रामबाग को नूर-ए-अफगान या आराम बाग कहा जाता था।
78. शाहजहाँ के शासनकाल को मुगल शासन का स्वर्ण युग कहा जाता है।
79. नसीरुद्दीन महमूद (इल्तुतमिश के पुत्र) का मकबरा सुल्तानगढ़ी कहलाता है।
80. अकबर ने 1563 ई. में तीर्थयात्रा कर और अगले वर्ष जजिया कर समाप्त कर दिया।
81. अबुल फजल ने कानूनगो को ‘कृषकों का आश्रम’ कहा है।
82. अकबर के समय में स्वर्ण का सबसे बड़ा सिक्का ‘इलाही’ कहलाता था।
83. सती प्रथा, बाल विवाह तथा वैश्यावृत्ति का अन्त कराने का प्रयास अकबर ने किया।
84. मुगलकाल में वित्त मन्त्री को दीवान-ए-आला या दीवान-ए-कुल कहा जाता था, लेकिन औरंगजेब के काल में इसे वजीर-ए-मुअज्जम कहा जाता था।
85. फार्रुख सियर ने अपने शासन के प्रथम वर्ष में जजिया कर समाप्त कर दिया. 1717 ई. में इसे पुनः लागू कर दिया गया और 1719 ई. में फिर हटा लिया गया।
86. अकबर ने 1585 ई. में गज-ए-इलाही शुरू किया. यह 41 अंगुल के बराबर था।
87. ‘गौगार’ वास्तुकार को कहा जाता था। ‘फिकह’ इस्लामी विधिशास्त्र को कहा जाता था।
88. शाहजहाँ ने शासन के छठे वर्ष में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी।
89. मुगलकाल में हाथी दाँत का काम अपने चर्मोत्कर्ष पर था। आगरा फतेहपुर सीकरी और जयपुर इसके प्रमुख केन्द्र थे।
90. औरंगजेब का राज्याभिषेक दोबार हुआ- प्रथम बार 1658 ई. में और दूसरी बार 1659 ई. में।
91. औरंगजेब ने 80 करों को समाप्त कर दिया। इनमें शहदारी एवं पानदारी प्रमुख थे। इन्हें आबवाब कहा जाता था।
92. औरंगजेब ने 1679 ई. में गैर मुसलमानों पर जजिया कर लगा दिया।
93. 1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु हो गई. दौलताबाद के निकट शेख जैन-उल-हक की मजार के निकट उसे दफना दिया गया।
94. औरंगजेब ने राजकुमारों से प्राप्त उपहार को ‘निमाज’ और अमीरों से प्राप्त उपहार को ‘निसार’ कहा।
95. औरंगजेब ने अपने शासन के ग्यारहवें वर्ष में झरोखा दर्शन की प्रथा समाप्त कर दी।
96. औरंगजेब ने अपनी एक पुत्री का विवाह दारा के पुत्र सिफिर शिकोह से और पाँचवी पुत्री का मुराद के लड़के इजीद बख्श से किया।
97. गुरु हरगोविन्द सिंह ने अकाल तख्त की स्थापना की।
98. शिवाजी ने मुगलों से पहला संघर्ष 1656 ई. में प्रारम्भ किया जब शिवाजी ने अहमदनगर और जुन्नार पर आक्रण किया।
99. शिवाजी के दो राज्याभिषेक हुए। पहले के पंडित गंगभट्ट थे और दूसरे राज्याभिषेक में निश्चलपुरी गोस्वामी नामक तांत्रिका था।
100. मालवा में 1435 ई. में महमूद खाँ ने खिलजी वंश की स्थापना की।

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