तमिलनाडु की 25 वर्षीय एनएल बेनो जेफाइन देश की पहली ऐसी इंडियर फॉरेन सर्विस (IFS) ऑफिसर बनने जा रही हैं, जो पूरी तरह से नेत्रहीन हैं। बेनो ज़ेफाइन 69 साल पुरानी भारतीय विदेश सेवा की परीक्षा पास करने वाली पहली शत प्रतिशत दृष्टिहीन छात्रा हैं। उन्हें पिछले हफ्ते केंद्र सरकार से नियुक्ति का आदेश मिल चुका है। उन्हें 60 दिन के अंदर देश की सेवा का कामकाज संभालना है। उन्होंने साल 2014 में सिविल सर्विस एग्जाम पास किया था। एक साल इंतजार के बाद अब विदेश मंत्रालय ने उन्हें नियुक्ति आदेश भेजा है। फिलहाल बेनो जेफाइन स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में प्रॉबेशनरी ऑफिसर (पीओ) के तौर पर काम करती हैं।
जेफाइन ने मद्रास यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में पोस्टग्रेजुएट किया है। वे अपनी सफलता का श्रेय पैरेंट्स को देती हैं। उनके मुताबिक पिता ने उनकी जरूरत को पूरा करने में हर संभव मदद की। एग्जाम की तैयारी करने के लिए किताबें खरीदने को उन्होंने कभी मना नहीं किया। उनका कहना है कि उनकी मां उन्हें किताबें और अखबार पढ़कर सुनाया करती थीं। बेनो के पिता ल्यूक एंथोनी चार्ल्स रेलवे में काम करते हैं, जबकि मां मेरी गृहिणी हैं।
साहित्य में स्नातक जेफाइन ने पढ़ाई के लिए ब्रेल लिपि की जगह जॉब एक्सेस विद स्पीच नाम के सॉफ्टवेयर की मदद ली। इस सॉफ्टवेयर की मदद से दृष्टिबाधित लोग कंप्यूटर स्क्रीन पढ़ सकते हैं। इस सॉफ्टवेयर को स्मार्टफोन से भी एक्सेस किया जा सकता है।
आपको बता दें कि पूर्व राजनायिकों ने नेत्रहीन कैंडिडेट्स को आईएफस में भर्ती देने का फैसला लिया, जिसका फायदा बीनो को मिला।
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Congratulations
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